स्तोत्र एक प्रकार का काव्य होता है, जिसका पाठ करने से देवता शीघ्र प्रसन्न हो जाते है, ठीक ऐसे ही शिवाष्टक स्तोत्र (shivashtakam lyrics in hindi) भगवान शिव को प्रसन्न करने का एक माध्यम है। यह लयात्मक स्तोत्र बहुत कम समय में कंठस्थ हो जाता है और कुछ न करके यदि शिव भक्त भगवान शिव का ध्यान करते हुए केवल इस स्तोत्र का श्रद्धापूर्वक पाठ करे, तो उस पर शिवजी अत्यंत प्रसन्न होते है। इस लेख के माध्यम से शिवाष्टक स्तोत्र का लिरिक्स इसकी PDF के साथ प्रदान किया गया है तथा शिवाष्टक स्तोत्र के सभी पहलुओं जैसे इसका महत्व, इसके फायदे आदि पर भी चर्चा की गई है।
Shivashtakam Mantra Lyrics
॥ श्री शिवाष्टकं ॥
प्रभुं प्राणनाथं विभुं विश्वनाथं जगन्नाथनाथं सदानन्दभाजम् ।
भवद्भव्यभूतेश्वरं भूतनाथं शिवं शङ्करं शम्भुमीशानमीडे ॥ 1॥
गले रुण्डमालं तनौ सर्पजालं महाकालकालं गणेशाधिपालम् ।
जटाजूटगङ्गोत्तरङ्गैर्विशालं शिवं शङ्करं शम्भुमीशानमीडे ॥ 2॥
मुदामाकरं मण्डनं मण्डयन्तं महामण्डलं भस्मभूषाधरं तम् ।
अनादिह्यपारं महामोहहारं शिवं शङ्करं शम्भुमीशानमीडे ॥ 3॥
वटाधोनिवासं महाट्टाट्टहासं महापापनाशं सदासुप्रकाशम् ।
गिरीशं गणेशं महेशं सुरेशं शिवं शङ्करं शम्भुमीशानमीडे ॥ 4॥
गिरिन्द्रात्मजासंग्रहीतार्धदेहं गिरौ संस्थितं सर्वदा सन्नगेहम् ।
परब्रह्मब्रह्मादिभिर्वन्ध्यमानं शिवं शङ्करं शम्भुमीशानमीडे ॥ 5॥
कपालं त्रिशूलं कराभ्यां दधानं पदाम्भोजनम्राय कामं ददानम् ।
बलीवर्दयानं सुराणां प्रधानं शिवं शङ्करं शम्भुमीशानमीडे ॥ 6॥
शरच्चन्द्रगात्रं गुणानन्द पात्रं त्रिनेत्रं पवित्रं धनेशस्य मित्रम् ।
अपर्णाकलत्रं चरित्रं विचित्रं शिवं शङ्करं शम्भुमीशानमीडे ॥ 7॥
हरं सर्पहारं चिता भूविहारं भवं वेदसारं सदा निर्विकारम् ।
श्मशाने वसन्तं मनोजं दहन्तं शिवं शङ्करं शम्भुमीशानमीडे ॥ 8॥
स्तवं यः प्रभाते नरः शूलपाणे पठेत् सर्वदा भर्गभावानुरक्तः ।
स पुत्रं धनं धान्यमित्रं कलत्रं विचित्रं समासाद्य मोक्षं प्रयाति ॥
॥ इति शिवाष्टकम् ॥
शिवाष्टक स्तोत्र का महत्व
भगवान शिव की महिमा का बखान करने के लिए अनेकों अष्टकों की रचना हुई है, जिनमें शिवाष्टक, लिंगाष्टक, रूद्राष्टक, बिल्वाष्टक काफी प्रसिद्ध हैं, जिसमें शिवाष्टक का विशेष महत्व है।
शिवाष्टकम एक शक्तिशाली मंत्र है। ऐसा कहा जाता है कि शिवाष्टक का पाठ करने से आपको जीवन में आने वाली बाधाओं का सामना करने के लिए साहस प्रदान करता है। यह स्तोत्र विश्व के सभी लोगों के बीच भी काफी लोकप्रिय है जो “प्रभुं प्राणनाथंम् विभुं विश्वनाथंम्” से शुरू होता है।
यह एक चमत्कारीक स्त्रोत है जिसका पाठ करने से भोलेनाथ तो प्रसन्न होते ही है, साथ ही इससे बिगड़े हुए काम भी बन जाते है। इस स्त्रोत के पाठ शिव रात्रि या सावन के महीने में शुभ मानते है। शिव जी की अगर कोई श्रद्धा पूर्वक भक्ति करता है तो भोलेनाथ बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते है। इसी कारण से भोले नाथ को ‘आशुतोष’ के नाम से भी जाना जाता है।
शिवाष्टक का पाठ कैसे करें –
1.शिवाष्टक का पाठ सोमवार से शुरू करना चाहिए और सावन का महीना शिवाष्टक के पाठ के लिए अति उत्तम है।
2. शिवाष्टकम के पाठ के लिए प्रातःकाल और संध्या काल का समय उत्तम होता है।
3. सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान करके खुद को शुद्ध कर ले और हल्के रंग के कपड़े पहने।
4. पूजन में सफेद चंदन, चावल, कलावा, धूप-दीप, पीले फूलों की माला, सफेद आक के 5 फूल रखे और शुद्ध मिश्री को प्रसाद के लिए रखें।
5. अगर आप किसी शिव की मूर्ति या शिवलिंग के समीप बैठ कर शिवाष्टकम स्तोत्र का पाठ करतें हैं, तो यह ज्यादा उत्तम है।
6. पाठ करते समय अपना ध्यान केवल भगवान शिव पर ही लगाए और मन को किसी भी तरह से भटकने नहीं दे।
7. शिवाष्टक का पाठ विषम संख्या जैसे 3, 5, 7, 11 बार करें। कम से कम 3 बार पाठ करना आवश्यक है।
8. पाठ पूर्ण करने के बाद उठने के पहले एक बूंद जल आसन्न पर गिराये और उसका तिलक करें।
शिवाष्टक स्तोत्र का पाठ करने के फायदे
1. शिवाष्टक स्तोत्र का पाठ करने से मन की अशांति, चिंता और तनाव कम होते हैं और आध्यात्मिक स्थिति में स्थिरता आती है।
2. जिनके जीवन में कोई बाधा, कष्ट या फिर धन से जुड़ी कोई भी समस्या आ रही है तो वें शिवाष्टक स्तोत्र का पाठ करके उसका निवारण कर सकते है।
3. हिन्दू शास्त्रों के अनुसार जो भी शिव भक्त प्रातः काल नित्य रूप से शिवाष्टक स्तोत्र का पाठ करता है, उसके जीवन में कठिनाइयां और बाधाएं कम होती हैं।
4. शिवाष्टक स्तोत्र का पाठ करने से आत्म-विकास होता है अर्थात व्यक्ति के अन्दर नई सोच, उद्यमशीलता और समर्पण की भावना जागृत होती है।
5. शिवाष्टक स्तोत्र का पाठ करने से व्यक्ति को रोगों से मुक्ति, सामरिक स्थिति में बल और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।
Shivashtakam lyrics english
Prabhum prananatham vibhum visvanatham jagannatha natham sadananda bhajam
bhavadbhavya bhutesvaram bhutanatham, sivam sankaram sambhu misanamide 1
Gaḷe rundamalam tanau sarpajalam mahakala kalam ganesadi palam
jatajuta gangottarangai rvisalam, sivam sankaram sambhu misanamide 2
Mudamakaram mandanam mandayantam maha mandalam bhasma bhusadharam tam
anadim hyaparam maha mohamaram, sivam sankaram sambhu misanamide 3
Vatadho nivasam mahattattahasam mahapapa nasam sada suprakasam
girisam ganesam suresam mahesam, sivam sankaram sambhu misanamide 4
Girindratmaja sangṛhitardhadeham girau samsthitam sarvadapanna geham
parabrahma brahmadibhir-vandyamanam, sivam sankaram sambhu misanamide 5
Kapalam trisulam karabhyam dadhanam padambhoja namraya kamam dadanam
balivardhamanam suranam pradhanam, sivam sankaram sambhu misanamide 6
Saraccandra gatram gananandapatram trinetram pavitram dhanesasya mitram
aparna kaḷatram sada saccaritram, sivam sankaram sambhu misanamide 7
Haram sarpaharam cita bhuviharam bhavam vedasaram sada nirvikaram
smasane vasantam manojam dahantam, sivam sankaram sambhu misanamide 8
Svayam yah prabhate narassula pane pathet stotraratnam tvihaprapyaratnam
suputram sudhanyam sumitram kaḷatram vicitraissamaradhya moksam prayati…
शिवाष्टकम् स्तोत्र लिरिक्स PDF
शिवाष्टकम् स्तोत्र को PDF फॉर्मेट में प्राप्त करने के लिए निचे दी गई लिंक पर क्लिक करे –
निष्कर्ष
प्यारे शिव भक्तों, इस प्रकार हमने शिवाष्टक स्तोत्र (shivashtakam lyrics in hindi) का लिरिक्स के साथ इसका PDF भी उपलब्ध कराया है। जिसका पाठ करके आप अपने आराध्य देव भगवान शिव को प्रसन्न कर सकते हो और अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति कर सकते हो। आशा करते है आपको हमारा ये पोस्ट पसंद आया होगा। Comment करके जरूर बताये और अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करे।
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शिवाष्टक स्तोत्र का You Tube पर Video भी देख सकते है –
FAQ (Frequently Asked Questions)
Q. शिवाष्टकस्तोत्र कब पढ़ा जाता है ?
शिवाष्टकस्तोत्र को सुबह- शाम किसी भी दिन पढ़ सकते है।
Q. शिवाष्टक स्तोत्र pdf में कैसे प्राप्त करें ?
शिवाष्टक स्तोत्र PDF में प्राप्त करने के लिए इसी वेबसाइट पर ऊपर दी गई लिंक से डाउनलोड कर सकते है।
Q. भोलेनाथ का सबसे प्रिय फूल कौन सा है?
भगवान शिव का प्रिय फूल कनेर का पुष्प माना जाता है, मान्यता है की भगवान शिव की पूजा में इस पुष्प के चढाने पर सभी मनोकामनये जल्दी पूर्ण होती है।
Q. शिवलिंग पर कौन सा फल नहीं चढ़ाना चाहिए?
शिवलिंग पर कभी भी नारियल का पानी नहीं चढ़ाया जाता है हालंकि नारियल पूजा में काम में लिया जाता है।