शिवलिंगी के तांत्रिक प्रयोग

नमस्कार दोस्तों, शिवलिंगी एक चमत्कारिक दिव्य औषधि है। इसके बीजों का आकार प्राकृतिक रूप से शिवलिंग के समान होता है। इसीलिए इसे शिवलिंगी के नाम से जाना जाता है। इस लेख के माध्यम से आपको शिवलिंगी के तांत्रिक प्रयोग के बारे में बताया जायेगा। शिवलिंगी लगभग सभी स्थानों पर पर्याप्त मात्रा में पायी जाती है, परंतु इसके चमत्कारिक गुणों से अनभिज्ञ होने के कारण इसे लोग बेकार समझते हैं। यह औषधि आयुर्वेदिक एवं तांत्रिक दोनों प्रकार के प्रयोगों में अपना चमत्कारिक गुण दिखाता है। 

शिवलिंगी के तांत्रिक प्रयोग

आजकल अधिक आयु में विवाह और आधुनिक जीवन शैली के कारण स्त्रियों में विशेष रूप से बाँझपन की समस्या बढ़ती जा रही है। शिवलिंगी का प्रयोग गर्भाशय के लिए एक अच्छा पोषक तत्व है। शिवलिंगी बीज का उपयोग सदियों से संतान प्राप्ति के लिए अचूक और सफल नुस्खे के तौर पर प्रयोग किया जा रहा है। शिवलिंगी बीजों का उपयोग तांत्रिक प्रयोगों में भी किया जाता है। तांत्रिक प्रयोगों में शिवलिंगी बीजों का उपयोग तांत्रिक शक्तियों को आकर्षित करने और उन्हें बढ़ाने के लिए किया जाता है।

शिवलिंगी के तांत्रिक प्रयोग के लिए सामग्री 

पारद शिवलिंग तांत्रिक प्रयोगों के लिए एक शक्तिशाली सामग्री है। शिवलिंगी के बीजों के साथ पारद शिवलिंग का प्रयोग करने से तांत्रिक शक्तियों को बहुत तेजी से बढ़ाया जा सकता है। लाल वस्त्र व लाल चंदन तांत्रिक प्रयोगों में शुभ माना जाता है। शिवलिंगी के बीजों को लाल वस्त्र में रखकर प्रयोग करने से तांत्रिक शक्तियों को अधिक प्रभावी बनाया जा सकता है।

शिवलिंगी के तांत्रिक प्रयोग के लिए सामग्री 

जिस स्त्री का गर्भ का असमय ही गिर जाता हो या जिसके बच्चे पैदा होते ही मर जाते हो ऐसी स्त्रियों के लिए यह औषधि अमृत के समान है। शिवलिंग के 27 बीज, गज केसर 6 gm, तथा पीपल की जटा 6 gm सबको पीस कर चूर्ण बना लें, फिर उसे तीन खुराक बनाकर उसमें सात-सात शिवलिंगी के बीज मिलाकर ऋतु स्नान के बाद स्त्री को तीन दिन तक खिलाएं, तो निसंदेह स्त्री गर्भवती होती है और स्वस्थ संतान को जन्म देती है। 

यदि किसी स्त्री को बार बार लड़की पैदा हो रही हो तो शिवलिंगी के बीज 6 gm, श्वेतकंतकारी की जड़ 50 gm  तथा अश्वगंधा की जड़ 50 ग्राम सबको पीस कर चूर्ण बना लें। फिर ऋतु स्नान के पश्चात 6-6 gm चूर्ण गाय के दूध के साथ सेवन कराए तो निसंदेह पुत्र ही पैदा होगा।

शिवलिंगी के तांत्रिक प्रयोग की विधि 

यह हम आपको दवा और प्रार्थना दोनों के विषय को अंतर्गत रखते हुए बता रहे है –  शिव लिंगी नामक बीज को जैसे एक एक बीज है, दो है, तीन है. जितने भी आप चाहो उतने गौ माता के दूध में डाल लीजिए और प्रतिदिन या तो शिवालय में या घर में ही अगर आपके शिवलिंग है, तो घर में ही शिव लिंग के ऊपर ओम नमः शिवाय

बोल कर पति-पत्नी या दोनों में से कोई भी एक केवल संतान प्राप्ति की कामना हेतु अभिषेक कर सकते हैं। 

जिनको स्वप्नदोष बहुत होता है, बुरे विचार बहुत आते हैं, खासकर के जिनकी कुंडली में चंद्र या शनि या केतु का दोष हो, तो उन्हें भी गौ माता के गोत्र में शिव लिंगी के बीज डालकर ॐ नम शिवाय बोलकर प्रतिदिन शिवलिंग का अभिषेक करे। थोड़े ही समय में स्वप्नदोष या अशांति की जो चिंता है ,धीरे धीरे करके खत्म हो जाएगी। 

जिनको किसी भी जन्म का शिवदोष लगा हुआ है या श्रापित दोष लगा हुआ है, उसके लिए भी शिवलिंगी का उपयोग किया जाता है।  दुःख व दरिद्रता के निवारण हेतु किया जाता है, जिनके आरोग्य के विषय में छोटी-बड़ी दिक्क़ते रहती है, उनके लिए भी किया जाता है और शिव कृपा की प्राप्ति हेतु अवश्य किया जाता है।  

जिन्हें प्रथम संतान पुत्री और पुत्र की कामना है, वो भी यह प्रयोग कर सकते हो और यह प्रामाणिक प्रयोग है इसमें कोई संदेह नहीं है। तो वो है शिवलिंगी नामक बीज जो बाज़ार में कहीं पर भी आपको आसानी से मिल जाएंगे। जिन्हें संतान नहीं होती है, वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सारे report normal है, फिर भी संतान उत्पन्न नहीं होती वे उस शिवलिंगी के एक एक बीज को पति और पत्नी को संतान प्राप्ति हेतु हर रोज़ थोड़े गर्म पानी के साथ. प्रात:काल निगल जाना है। 

शिवलिंगी के तांत्रिक प्रयोग के लाभ 

गर्भवती महिलाएं जिनके miscarriage होने के chances ज़्यादा रहते हैं या गर्भस्थराव होने के chances ज़्यादा रहते हैं। उन्हें अपने बच्चे की और खुद की सुरक्षा करनी है शिवलिंगी के बीज का चूर्ण बनाके कवच जैसे  चांदी या तांबे के कवच में पाउडर बनाकर या कपड़े में उसकी गुठली बनाकर नौ माह तक गले में धारण करने से भगवान शिव स्वयं ही गर्भवती महिला की और उसके बच्चे की सुरक्षा करते है।  

जिनका स्वास्थ्य अच्छा नहीं रहता है। वह भी अगर प्रतिदिन खाली पेट गुनगुने पानी में यथा शक्ति एक या दो शिवलिंगी के बीज अगर निकल जाते हैं तो उनके स्वास्थ्य में भी काफी फ़ायदा मिलेगा। उसके अलावा तांबे के कलश में पानी भरकर उस पानी में शिवलिंग के बीज जल डालकर मृतुन्जय मंत्र का जाप करके शिव के ऊपर अभिषेक करने से स्वास्थ्य में बहुत ही लाभ प्राप्त होता है। 

जिनका विवाह नहीं हो रहा है, शादी में बहुत सारी बाधाएं आ रही है, वो भी इस शिवलिंगी के बीज पानी में या दूध में डाल के भगवान शिव जी के ऊपर या माँ पार्वती के ऊपर, दुर्गा स्वरूप के ऊपर भी अगर अभिषेक करेगा या करेगी तो विवाह के दीवार बहुत ही जल्द खुल जाएंगे। 

कभी कभी पुत्र कामना अनुष्ठान या यज्ञ हेतु भी शिव लिंग के बीज का प्रयोग किया जाता है। कहने का तात्पर्य है की यह एक ऐसी औषधी है, जिसे नाम ही दिया गया है पुत्र जीवक बिजिका आज के समय में तो संतान होना भी बहुत बड़ा वरदान है। 

निष्कर्ष

इस प्रकार हमने आपको शिवलिंगी के तांत्रिक प्रयोग के बारे में ऊपर विस्तार से बताया है। शिवलिंगी के तांत्रिक प्रयोगों को करने से पहले किसी योग्य तांत्रिक से सलाह लेना चाहिए। तांत्रिक प्रयोगों में गलती करने से गंभीर परिणाम हो सकते हैं।

बहुत सारी ऐसी आयुर्वेदिक ओषधियाँ ऐसी होती है, जिसमें आयुर्वेद आचार्यियों के द्वारा इसी शिवलिंगी के बीज का चूर्ण बनाकर अन्य औषधियों के साथ मिश्रित करके आपको दिया जाता है। जैसे आपका दुख है, जैसे आपके कष्ट है, जैसे आपकी कामना है, उस प्रकार से इस शिव लिंग बीज का प्रयोग आप कर सकते हैं। इसमें कोई संदेह नहीं है, इसमें दवा भी है, इसमें प्रार्थना भी है, इसमें भगवान शिव का नाम भी है।

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आप शिवलिंगी के तांत्रिक प्रयोग का You Tube पर वीडियो भी देख सकते है –

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