भगवान शिव का अघोर रूप जिन्हे महाकाल भी कहा जाता है, कितनी भी बड़ी विपत्ति आ जाए, कितनी भी बड़ी बाधा जाए, कितना भी बड़ा शत्रु हो, कैसी भी विपरीत परिस्थिति हो यह महाकाल शिव अघोर मंत्र पूरी तरीके से अपने साधक की सुरक्षा कर लेता है, यह बहुत शक्तिशाली मंत्र है।
आप उनके महाकाल शिव अघोर मंत्र का सवा लाख का जाप करे। आप इसे संकल्प लेकर कीजिए 41 दिन का, आप इसकी 31 माला डेली कीजिए, आप 31 एक टाइम में नहीं कर सकते तो 31 को डिवाइड कर लीजिये सुबह और शाम में आधी-आधी कर लीजिये। सुबह 11 कर लीजिये, रात को 21 कर लीजिए। 41 दिन का संकल्प ले के रुद्राक्ष की माला पर कीजिये, नॉर्थ या ईस्ट साइड में बैठके कीजियेगा। यह बहुत ही तीव्र मंत्र है।
शिव अघोर मंत्र जाप
ॐ अघोरेभ्यो अथ घोरेभ्यो घोरघोरतरेभ्यः |
सर्वेभ्यः सर्वशर्वेभ्यो नमस्ते अस्तु रुद्ररूपेभ्यः|
आचार्य विपिन के अनुसार “महाकाल शिव अघोर मंत्र” निम्नलिखित है –
ॐ अघोरेश्वराय महाकालय नम:|
ॐ अघोरेश्वराय महाकालय नम:|
शिव अघोर मंत्र साधना
शिव अघोर मंत्र की साधना के लिए मित्रों अघोर मंत्र वो होते हैं, जो बहुत जल्दी फलीभूत होते हैं, अघोर साधनाएं साधकों को तत्काल सिद्धि देती है। इसलिए इस मसानी साधना के लोग करते हैं, ताकि बहुत जल्दी हमें सिद्धि मिल जाए, वह जल्दी साधना में सफलता प्राप्त कर सके।
अघोर शब्द का अर्थ है गंगा, मित्रों गंगा में कुछ भी आप फेक दीजिए चाहे वो लोग लाशे भी उस में ले जाकर के विसर्जित कर देते हैं, पुष्प भी उसमें भगवान पर चढ़े हुए, वह भी गंगा में विसर्जित कर दिए जाते हैं। बहुत सारे ऐसे लोग हैं जो कपड़े भी धूल देते हैं, स्नान भी करते हैं, सबकी गंदगी भी लोग उसमें साफ करते हैं , पापो को भी धो देते है और पुण्य भी प्राप्त करते है। इसी को अघोर कहते है, जिसमें कोई छोटी सी चीज से भी कोई घृणा नहीं होती,
घृणा, लज्जा, शोक, मोह यह सब चीजे नहीं होती और तंत्र में जो लोग लज्जा है, भय है, शंका है, इन सब चीजों का जब तक त्याग नहीं कर पाएंगे तब तक आप तंत्र में सफलता प्राप्त नहीं कर सकते हैं। इसलिए प्रत्येक तांत्रिक को, प्रत्येक साधक को इन सब चीजों का त्याग कर देना चाहिए, जो भ्रांतिया है, इस तरीके की उन को त्याग कर देना चाहिए।
जिस तरीके से भगवती गंगा हैं, चाहे कोई भी पापी व्यक्ति जा करके उसमें स्नान कर ले चाहे, कोई पुण्यात्मा व्यक्ति स्नान कर ले, अपने पापों को उसमें धो देता है और वह सोचता है में पुण्य प्राप्त कर लिया, मैं शुद्ध हो गया और गंगा में लाश भी लोग ले जाकर के फेंकते हैं, तो ऐसे ही अघोर होता है, कोई अघोरी यदि अघोरी साधनाएं करता है तो ऐसा नहीं है कि उससे दूरी बना लिया जाए, वह त्याग देने योग्य व्यक्ति है।
एक साधनाएं, क्रियाएं हैं, दो चीजें होती है, एक तो होता है दक्षिणचार्य और दूसरा होता है वामचार्य, वामाचार्य जो साधनाएं करते हैं उन्हें अघोरी कहा जाता है और जो दक्षिणाचार्य साधना करते उन लोग को वैष्णव कहते हैं या साधु संत कहलाते हैं, जितने भी जो साधारण साधु-संत होते हैं, जो तीर्थो में निवास करते हैं, वो लोग दक्षिणाचार्य की साधना करते है, सात्विक साधना करते हैं, लेकिन जो लोग वामाचारी की साधना करते हैं, मसानी साधना करते हैं, क्रियाएं करते हैं, कापालिक लोग हैं तो उनको अघोरी कहा जाता है।
जो लोग बहुत सारे ऐसे लोग हैं अघोरी जो मांस, मछली का भी भक्षण करते हैं तो ऐसे लोगों को अघोरी कहा जाता है। अघोर साधना वैसे तो बहुत जल्दी सफल हो जाती हैं, लेकिन आप अघोर में तभी प्रवेश कर पाएंगे जब आपका मन एकदम स्वच्छ होगा, आपकी आत्मा एवं स्वच्छ होगी, बुद्धि में कचरा नहीं भरा होगा, फालतू के विचार नहीं होंगे, मैं इसको करके कोई गलत काम कर सकूं या फिर इस तरीके के घर आप मनोवृति लेकर आप अघोर में प्रवेश करते हैं तो आप असफल हो जाएंगे, सफल नहीं हो पाएंगे।
मित्रों जिसे आप बहुत बड़े बड़े चमत्कार कर सकते है, व्यक्ति के ऊपर प्रेत बाधा है, नेगेटिव एनर्जी का प्रभाव है, इसी के ऊपर कोई किसी ने कुछ करवा दिया है, तो ऐसी चीजों से पूरी तरीके से यह मंत्र उस व्यक्ति को छुटकारा दिला देगा यदि आपको ऐसा लगता है, आपको भय लगता है कि आपके ऊपर तंत्र किया जा रहा है आपके ऊपर कृत्या चलाया जा रहा है या फिर आपके ऊपर लोग प्रयोग कर रहे हैं तो, आप इस मंत्र का मात्र सात बार उच्चारण कर दीजिए, पूरी तरीके से जितने भी भय हैं, सभी समाप्त हो जाएंगे और सभी प्रकार की बाधाओं से आपको मुक्ति मिल जाएगी
मित्रों लेकिन इसे सिद्ध जरूर कर लीजिए मात्र 1 दिन में 108 बार करने से यह सिद्ध हो जाता है। किसी भी शिवरात्रि या महाशिवरात्रि के दिन आपको 108 बार इस मंत्र को रात में 12:00 बजे से जप कर लेना है, मंत्र है, बहुत ही शक्तिशाली मंत्र है
अंत में इस मंत्र की पूर्णत: साधना के लिए निम्न मंत्र का उच्चारण करे –
ओम गुरुजी अघोर, अघोर महाअघोर ,माता तो पिता अघोर, बहन तो भाई भी अघोर , गुरु तो चेला अघोर, देवल तो मस्जिद अघोर, मुल्ला की बांग अघोर, काजी का कुरान अघोर, ब्रह्मा का वेद अघोर, नाद अघोर, बिन्द अघोर, शंख अघोर, शंखान अघोर, रूप अघोर,चंद्र अघोर, सूरज अघोर, नो लाख तारा अघोर, अधार अदार वनस्पति अघोर, पूर्व अघोर, पश्चिम अघोर, उतर अघोर, दक्षिण अघोर, वग्र मेरी कथा अघोर, अमावस की रात अघोर, पहला तो पलक अघोर दूजा को दखोल।
शिव अघोर मंत्र लाभ
1. यदि आप पर किसी ने तंत्र मंत्र या वशीकरण कर रखा है, तो आप इस मंत्र के 108 बार जाप से उससे छुटकारा पा सकते हो।
2. इस मंत्र के 7 बार उच्चारण से किसी भी भय से मुक्ति मिलती है।
3. यदि आप पर कितनी भी बडी बाधा आ जाये, कितनी भी विपरीत परिस्थिति हो तो आप इस मंत्र का 21 बार जाप करके उस मुसीबत से छुटकारा पा सकते है।
4. यदि आप किसी पर नियंत्रण या वश में करना चाहते हो तो यह मंत्र सबसे शक्तिशाली और सर्वोत्तम मंत्र है।
5. इस मंत्र का उपयोग वशीकरण ही नहीं अपितु इसके जाप से आप धन , सफलता और अच्छा स्वास्थ्य पा सकते हो।
शिव अघोर मंत्र PDF
प्यारे शिव भक्तों, हमने आपको महाकाल शिव अघोर मंत्र के बारे में सब कुछ ऊपर बताया है। यदि आपको यह मंत्र PDF फॉर्मेट में चाहिए तो निचे दी गई लिंक पर क्लिक करके इसे अपने पीसी या मोबाइल में सेव कर ले।
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