अघोर महामृत्युंजय मंत्र भगवान शिव को समर्पित एक प्रमुख मंत्र है, जिसे मृत्यु के भय से मुक्ति प्राप्त करने के लिए जाना जाता है। यह मंत्र अघोरी सम्प्रदाय के अनुयायियों द्वारा विशेष रूप से किया जाता है। दोस्तों इस लेख के माध्यम से आपको इस मंत्र के करने की विधि भी बताई जाएगी, जिससे आप सही तरह से कर सके। इस मंत्र कठिन संस्कृत में है, इसका उच्चारण करने में काफी कठनाई आती है, अत : इस मंत्र के शब्दों को याद करने के लिए आपको इस मंत्र की PDF भी उपलब्ध कराई जाएगी।
अघोर महामृत्युंजय मंत्र जाप
अघोरेभ्यो ,अथघोरेभ्योः , अघोरघोरतरेभ्यः
सर्वतः शर्वसर्वेभ्यो नमस्ते अस्तु रूद्र रूपेभयाः
मृत्युंजय, त्रयम्बक, सदाशिव नमस्ते नमस्ते:
अघोर महामृत्युंजय मंत्र का अर्थ
हम त्रियम्बकम् (तीन आँखों वाले भगवान शिव) का पुजन करते हैं, जो सुगन्धित फूलों से युक्त है, जो पुष्टि को बढ़ावा देते हैं। हम उनकी तरह बन्धनों से मुक्त होने की प्रार्थना करते हैं, जैसे कि कटे हुए गुलाब की पंखुड़ियों को बाँधा हुआ देखने में आता है, और हमें मृत्यु से अमृत से मुक्त करें॥”
यह मंत्र अस्तित्व की भयभीति और मृत्यु के खिलाफ एक प्रकार की साधना का हिस्सा होता है और विशेष रूप से आध्यात्मिक उन्नति और मानसिक शांति की प्राप्ति के लिए उपयोगी माना जाता है। इसका नियमित जाप करने से व्यक्ति को आत्मा के प्रति अधिक संवेदनशीलता और आत्म-समर्पण की अनुभूति हो सकती है।
अघोर महामृत्युंजय मंत्र कैसे करे –
अघोर महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते समय अपना मुख पूर्व दिशा की ओर ही रखें। अगर आप शिवलिंग के पास बैठकर जाप कर रहे हैं तो जल या दूध से अभिषेक करते रहें। जाप करने के लिए एक पवित्र व शांत स्थान का चुनाव करें, जिससे जाप के समय मन इधर-उधर ना भटके, जाप के समय उबासी ना ले, ना ही आलस्य करे। अघोर महामृत्युंजय मंत्र का जप रुद्राक्ष की माला से करना चाहिए।
इसके अलावा आप शिव लिंग पर 108 बेलपत्र चढ़ाते हुए इस मंत्र का जाप कर सकते है, ध्यान रहे बेलपत्र के दो पत्ती और तीन पत्ती का जहां पर मिलन हुआ है, उस तीन पत्ती के मिलन की जगह पर केवल मिलन वाले स्थान पर चंदन लगाकर अगर हम 108 बार अघोर महामृत्युंजय मंत्र का स्मरण कर करे तो देव के देव महादेव अत्यधिक प्रसन्न होंगे और मनवांछित फल की कामना पूर्ण हो जाती है।
अघोर महामृत्युंजय मंत्र जाप करने से क्या होता है –
रोज रुद्राक्ष की माला के साथ इस मंत्र का 108 बार जाप करने से अकाल मृत्यु (असमय मौत ) का डर दूर होता है। इसके नियमित जाप से व्यक्ति की उम्र लम्बी होती है। साथ ही कुंडली के दूसरे बुरे रोग भी दूर होते है। इस प्रकार 8 तरह के दोषो का नाश होकर हमें सुख की प्राप्ति होती है।
कभी भी घर में कुछ कष्ट होता है, कोई रोग में बहुत ज्यादा तकलीफ में होते हैं, तो ब्राह्मण लोग कहते हैं कि आप एक बार महामृत्युंजय जाप करा लीजिए, महामृत्युंजय पाठ करा दीजिए इन के नाम से जो व्यक्ति बीमार है उसके नाम से महामृत्युंजय पाठ कराएं अर्थात महामृत्युंजय के जाप करने से रोग नाश होता है।
अघोर महामृत्युंजय मंत्र PDF
इस मंत्र का उच्चारण करना काफी कठिन है, अत: इसके शब्दों को याद करने के लिए इस मंत्र की पीडीऍफ़ भी उपलब्ध कराई गई है, जिसे आप डाउनलोड कर ले।
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