रूद्र अघोर मंत्र with PDF

मित्रों यदि किसी व्यक्ति के ऊपर आपको ऐसा लगता है कि इसके ऊपर कोई नेगेटिव एनर्जी का प्रभाव है तो यह रूद्र अघोर मंत्र मात्र सात बार पढ़कर और जल पर फूंककर के आपको उस जल को रोगी को पिला दे, तुरंत आराम मिल जाएगा। अपने आप में महाशक्तिशाली मंत्र है, अघोर मंत्र है और बहुत जल्दी सिद्ध हो जाता है। 

इस को सिद्ध करके आप कई तरीके से इसका उपयोग कर सकते हैं, इसका उपयोग बहुत सारा है, मित्रों लेकिन यहाँ  सिर्फ एक दो प्रयोग के बारे में बता रहे है, बहुत सारे ऐसे लोग हैं, जो इस मंत्र के द्वारा कोई गलत काम ना कर दें इस वजह से इसके सारे प्रयोग नहीं बता रहे है, बस सिर्फ और सिर्फ जो जरूरी है, जैसे अगर किसी व्यक्ति को ऐसा लग रहा है कि उसके ऊपर किसी ने तंत्र करवा दिया है, तो उसके ऊपर आप इसका प्रयोग कर सकते हैं।  

रूद्र अघोर मंत्र

यदि आप कहीं पर भी जा रहे हो तो एक बार इसका उच्चारण कर दे, यदि आपको भय लगता हो तो एक बार उच्चारण कर दें, बहुत शक्तिशाली है, सुबह उठकर यदि आप एक बार उच्चारण करते हैं, तो पूरी तरीके से रक्षा करता है, सुरक्षा घेरा बन जाता है, आपके ऊपर कोई भी तंत्र मंत्र काम नहीं करता है, बहुत शक्तिशाली प्रयोग है सब तंत्र जो किए कराए होते हैं, सब आकर के उसी में मिल जाते हैं, उसी में गायब हो जाते हैं, बहुत शक्तिशाली है, यह रूद्र अघोर मंत्र है। 

रूद्र अघोर मंत्र जाप

मुख्य रूद्र अघोर मंत्र तो ऊपर दिया है, लेकिन कई पुस्तकों में एक और रूद्र मंत्र मिलता है, जो निचे दिया गया है –

अर्थ – जब महादेव के गायत्री मंत्र का उच्चारण होता है, तो पहले उनको बोलते है तत्पुरुष अर्थात जिसके बाहर कुछ नहीं है उसके अंदर ही सब कुछ है, सबके पूजनीय देवता अर्थात महादेव, जिनका नाम रूद्र है उनको नमस्कार। आकाश में तरकालिगं की तरह विराजमान है, पातळ में हटिकेश्वर नाम से विराजित है और हमारे पृथ्वी पर महाकाल के रूप में विराजमान है। उन रूद्र को नमस्कार है। वेद और गायत्री में महादेव का नाम रूद्र है। 

रुद्र अघोर मंत्र कैसे करते हैं –

एक अच्छी गुणवत्ता वाला रुद्राक्ष अर्थात आप बिना छेद वाला रुद्राक्ष ले और उसे एक छोटे से चांदी के बर्तन में रखें और उसके बाद  पीले रंग के 2 पतले-पतले वस्त्र ले और उनको रस्सी में पिरोकर के रुद्राक्ष के चारों तरफ घुमा के रख दे। उससे यह होता है कि यह रुद्राक्ष एक तो हिलेगा नहीं, दूसरा इस रुद्राक्ष का वस्त्र वही होगा और यह रूद्र रूप में अब महादेव की स्थापना हो गई है। 

रुद्र अघोर मंत्र कैसे करते हैं

इस रुद्राक्ष के साथ हमेशा पांच तत्व हमेशा आपको रखना चाहिए अर्थात पांच छोटी-छोटी और कटोरिया रखें चाहे पीतल के रखिए या चांदी की रखे। तो उसमें रोज सुबह आपको एक में गंगाजल, एक में मधु, एक में घी, एक में दही, एक में दूध रखना होगा। और यह इस रुद्राक्ष को दिखा करके रोज आपको वापस रखना है , इस को दिखाने का मतलब होता है कि आपने अर्पण कर दिया है, क्या है कि हम लोगों में यह प्रचलन है कि जब तक आपने फोटो पर प्रसाद नहीं लगते, जब तक आप ने शिवलिंग पर प्रसाद नहीं लपेटा तब तक प्रसाद ग्रहण नहीं हुआ माना जाता है, लेकिन यह गलत है।

यदि आप शिव जी को रूद्र रूप में रखेंगे तो कभी भी इनके ऊपर कुछ मत चढ़ाएगा, ठीक है पुष्प चढ़ाए तो एक पुष्प इनके ऊपर आप चढ़ा सकते हैं, लेकिन वह लाल नहीं होना चाहिए और जहां इनको पुष्प चढ़ाएंगे उसके दक्षिण में आप एक लाल पुष्प, जो बर्तन आपने रखा है, उसके बाहर एक लाल पुष्प चढ़ाएंगे “ओम दुम दुर्गाय नमः” बोलकर के क्योंकि वहां पर माना जाता है कि दुर्गा का वास होता है, जहां पर आपने इस शिवलिंग का स्थापना किया।  उसके बाद आपको पूजा करना है, जो धूप है, जो दीप है, जो नवेद है वह आपको दे देना है। 

भगवान का ध्यान में तिब्बत को लाना है अर्थात अपना ध्यान तिब्बत की सुदूर पहाड़ियों में करनी है, तिब्बत का बड़ा महत्व है क्योंकि उसको वज्र  क्षेत्र बोला जाता है क्योंकि वहां  वज्रपात बहुत ज्यादा होता है। वज्र क्षेत्र का मतलब होता है जहां पर वज्र क्षेत्र में महादेव अपने पांच मुखों के साथ बैठे है, उसका आप को ध्यान करना है उसके बाद भगवान का ध्यान करना है। उसके बाद सात बार मृत्युंजय मंत्र पढ़ना है “ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥”

रूद्र अघोर मंत्र PDF

दोस्तों कई बार, आचार्यो द्वारा बोला गया यह रूद्र अघोर मंत्र का उच्चारण ठीक से समझ में नहीं आता है, अत: यहाँ आपको यह मंत्र पीडीऍफ़ फॉर्मेट में उपलब्ध कराया जा रहा है, जिसे आप अपने मोबाइल या पीसी में सेव कर सकते है और कभी भी ऑफलाइन उसका जाप कर सकते है। 

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आप You Tube पर रूद्र अघोर मंत्र का वीडियो भी देख सकते है –  

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